Wednesday, December 19, 2018

अयोध्या में बनेगा एयरपोर्ट, योगी सरकार ने किया 8 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार ने 8 लाख 54 हजार करोड़ रुपए का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया. वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट को प्रदेश के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के लिए बताया. इस बार के बजट में सड़क और स्वास्थ्य योजना से लेकर अयोध्या में एअरपोर्ट निर्माण के लिए खास तवज्जो दी है.

राजेश अग्रवाल ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि 4 लाख 28 हजार करोड़ का पहले हमने बजट दिया था. इसके पहला अनुपूरक बजट 45 हजार करोड़ रुपये का था. अब इस कड़ी में दूसरा अनुपूरक बजट 8 लाख 54 हजार करोड़ रुपये का है.

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार और तमाम विभागों ने 30 नवंबर तक एक बड़ी राशि खर्च कर ली है. इस दौरान प्रदेश सरकार ने अच्छा खासा राजस्व भी अर्जित किया है. इस बार प्रदेश में खनन और आबकारी सहित कई विभागों से बड़ा राजस्व प्राप्त हुआ है.

वित्त मंत्री ने कहा, ' हमने मंडी समिति के लिए भी बड़े काम किए हैं. मंडी समिति से 218 करोड़ की अतरिक्त आय अर्जित की गई है.' स्वच्छ भारत मिशन से लेकर मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए बजट में खास ध्यान रखा गया है.

अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधा के लिए भी बजट में जगह दी गई है. सूबे में करीब 6 करोड़ लोग आयुष्मान भारत योजना से लाभान्वित होंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर उड़ान योजना के तहत काम हो रहा है. सूबे में 9 एयरपोर्ट पर काम चल रहा है. जेवर एयरपोर्ट लिए भी बजट में व्यवस्था की गई है.

योगी सरकार ने अनुपूरक बजट में अयोध्या में बनने वाले एयरपोर्ट के लिए बजट में व्यवस्था की गई है. बता दें कि मुख्यमंत्री ने दीपावली पर्व के मौके पर आयोजित दीपोत्सव में अयोध्या में भगवान श्रीराम के नाम पर एयरपोर्ट की स्थापना का एलान किया था.

वित्त मंत्री ने कहा कि सूबे में अभी तक 13 मेडिकल कॉलेज है. हमारी सरकार ने प्रदेश में 15 सरकारी मेडिकल कॉलेज बनाने का काम कर रही है. वारणसी में कैंसर इंस्टीटूट बनाने का काम चल रहा है.

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ऐसा ही मामला देश की इस पार्टी के अंदर भी साफ दिखाई दे रहा है. पार्टी का संविधान पृष्ठ 13 पर कहता है कि पार्टी अध्यक्ष राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 120 सदस्यों में से अधिक से अधिक 13 उपाध्यक्ष, 9 महामंत्री, एक महामंत्री(संगठन), अधिक से अधिक 15 मंत्री तथा एक कोषाध्यक्ष को मनोनीत करेगा. मनोनीत किए जाने वाले इन पदाधिकारियों पर पार्टी के कामकाज की अलग-अलग जिम्मेदारी होगी. संविधान में किए गए इस प्रावधान के विपरीत इस पार्टी में बीते 30 महीनों से कोषाध्यक्ष का पद खाली पड़ा है. लेकिन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह इस पद पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी के किसी सदस्य को मनोनीत नहीं कर पा रहे हैं.

दरअसल भारतीय जनता पार्टी के कोषाध्यक्ष का पद 16 जनवरी 2016 को तब रिक्त हो गया जब तत्कालीन कोषाध्यक्ष पियूष गोयल को केन्द्रीय कैबिनेट में जगह दे दी गई. गोयल को स्वतंत्र प्रभार के साथ खनन मंत्रालय दिया गया. इसके बाद सितंबर 2017 में रेल मंत्रालय से सुरेश प्रभु की छुट्टी के बाद गोयल को रेलवे का प्रभार दिया गया. इसके बाद एक बार फिर हाल ही में वित्त मंत्री अरुण जेटली की खराब तबीयत के चलते वित्त मंत्रालय का भी प्रभार दिया गया.

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